15 एकड़ में फैला भव्य मंदिर, 51 फीट ऊंची भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा आकर्षण का केंद्र
कायस्थ समाज के लिए आध्यात्मिक व सामाजिक विकास का केंद्र बनेगा शक्तिपीठ
जोधपुर। वृन्दावन (उत्तर प्रदेश) ब्रजभूमि की यह पावन नगरी, अपनी प्राचीनता और 5000 से अधिक मंदिरों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। बांके बिहारी, राधारमण, रंगनाथ जैसे मंदिरों के अलावा, अब एक और आध्यात्मिक स्थल ने इस शहर की धार्मिक धरोहर में नया अध्याय जोड़ा है–श्री चित्रगुप्त शक्तिपीठ लगभग 15 एकड़ में फैले इस भव्य परिसर का निर्माण श्री श्री 1008 आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी सच्चिदानंद, पशुपतिनाथ महाराज के सान्निध्य में किया जा रहा है।
यह शक्तिपीठ केवल एक मंदिर से कहीं अधिक है। यह अध्यात्म, योग साधना, और समाज सेवा का एक केंद्र होगा। यहाँ उपलब्ध सुविधाओं में नक्षत्र वाटिका, आयुर्वेदिक औषधालय, विद्यापीठ और आवास की व्यवस्था शामिल है। परिसर में 51 फीट ऊँची भगवान श्री चित्रगुप्त की प्रतिमा स्थापित की गई है, जो दुनिया की सबसे ऊँची चित्रगुप्त प्रतिमा होने का दावा करती है। यह प्रतिमा न केवल विशाल और मनमोहक है, बल्कि शिल्प कला का अद्भुत नमूना भी है।
तीन मंजिला भव्य मंदिर का निर्माण पत्थरों से किया जा रहा है, जिसमें स्टील का प्रयोग नहीं किया गया है, ताकि यह आने वाली सदियों तक अक्षुण्ण रहे। मंदिर के चारों ओर परिक्रमा मार्ग बनाया जा रहा है जो भक्तों को शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करेगा।
श्री चित्रगुप्त शक्तिपीठ, वृन्दावन के मीडिया प्रभारी अरूण माथुर ने बताया कि श्री चित्रगुप्त शक्तिपीठ का निर्माण कायस्थ समाज के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह समाज के आध्यात्मिक विकास और समृद्धि में योगदान देगा। इस पीठ के माध्यम से समाज को समानता और विकास के नए आयाम प्राप्त होंगे।
वृन्दावन आने वाले पर्यटक और भक्त अब राधा-कृष्ण की लीलाओं के साथ-साथ भगवान चित्रगुप्त के दर्शन का भी लाभ उठा सकेंगे। यह शक्तिपीठ न केवल धार्मिक स्थल बल्कि एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में भी उभरकर सामने आएगा।
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