जोधपुर रेंज पुलिस की साइक्लोनर टीम ने ऑपरेशन विश्व व्यंजन के तहत किया काबू, आंध्र प्रदेश से भागकर आया था राजस्थान
बस टिकट बुकिंग से मिला पुलिस को अहम सुराग, शातिर ने मोबाइल और एक जगह रुकने से भी किया परहेज
जोधपुर। पुलिस ने 5 महीने तक चले एक बड़े अभियान के बाद 3 साल से फरार एक शातिर तस्कर को गिरफ्तार किया है। इस तस्कर पर 30 हजार रुपये का इनाम भी घोषित था। जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार ने इस गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए विस्तृत ब्यौरा दिया।
गिरफ्तारी की जानकारी:बाड़मेर के धोरीमन्ना कबूली जांभोजी मंदिर निवासी 40 वर्षीय जगदीश विश्नोई पुत्र पूनमाराम को जोधपुर रेंज पुलिस की साइक्लोनर टीम ने गिरफ्तार किया है। जगदीश 3 साल से फरार था और उसके खिलाफ मादक पदार्थ तस्करी के कई गंभीर आरोप थे। उस पर 30 हजार रुपये का इनाम भी घोषित था। आईजी विकास कुमार ने बताया कि जगदीश 2018 में 6 साल की जेल की सजा पूरी करके जेल से बाहर आया था। यहाँ तक कि उसके सगे भांजे की मादक पदार्थ के सेवन के कारण मौत हो जाने के बाद भी उसने तस्करी नहीं छोड़ी।
आंध्र प्रदेश में तस्करी का नेटवर्क:पुलिस से बचने के लिए जगदीश आंध्र प्रदेश भाग गया था। वहाँ उसने अपने भांजे के साथ स्टील का व्यापार करने की कोशिश की, लेकिन वह उसमें कामयाब नहीं हुआ और फिर उसने वहीं पर एमडी और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी का नेटवर्क
बनाना शुरू कर दिया। पुलिस से बचने के लिए वह आंध्र प्रदेश से भागकर तमिलनाडु भी गया। साइक्लोनर टीम को पता चला कि जगदीश अपने रिश्ते के भांजे के संपर्क में है। उसकी तलाश में पुलिस टीम विशाखापट्टनम, हैदराबाद और विजयवाड़ा भी गई, लेकिन वह पकड़ में नहीं आया।
बनाना शुरू कर दिया। पुलिस से बचने के लिए वह आंध्र प्रदेश से भागकर तमिलनाडु भी गया। साइक्लोनर टीम को पता चला कि जगदीश अपने रिश्ते के भांजे के संपर्क में है। उसकी तलाश में पुलिस टीम विशाखापट्टनम, हैदराबाद और विजयवाड़ा भी गई, लेकिन वह पकड़ में नहीं आया।
आईजी विकास कुमार ने बताया कि जगदीश बेहद शातिर था। वह न तो मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता था और न ही किसी एक जगह पर लंबे समय तक रुकता था। करीब 15 दिन पहले साइक्लोनर टीम को विजयवाड़ा से एक मुखबिर ने सूचना दी कि जगदीश छुपते हुए राजस्थान गया है और होली बिताने के बाद वापस लौटेगा। पुलिस टीम ने उसके करीबी भांजे व अन्य संभावित ठिकानों पर निगरानी बढ़ाई, लेकिन कोई ठोस सुराग नहीं मिला।
बस टिकट बुकिंग से मिला सुराग:
18 मार्च 2025 की शाम को जगदीश के भांजे ने बागोड़ा से विजयवाड़ा के लिए बस टिकट बुक कराया। टिकट भांजे के नाम पर था, लेकिन बुकिंग करते समय उसने मामा जगदीश के लिए टिकट बुक कराने की बात कही और लोअर बर्थ की मांग की। यह सुराग पुलिस के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ।
ऑपरेशन और गिरफ्तारी:
साइक्लोनर टीम ने जगदीश को बस में चढ़ते समय पकड़ने की योजना बनाई। लेकिन बुकिंग एजेंसी से मिली जानकारी से टीम को यकीन हो गया कि वह जगदीश ही है। पुलिस ने उसके भांजे की गतिविधियों पर नजर रखते हुए बस रवाना होने से तीन-चार घंटे पहले से मॉनिटरिंग बढ़ा दी। एक संभावित विशेष ठिकाने पर दबिश दी गई, जहाँ से भागने की कोशिश कर रहा जगदीश गिरफ्तार कर लिया गया।
आईजी ने बताया कि जगदीश के नाम का पर्यायवाची विश्व रंजन है और जगदीश मादक पदार्थों का आमजन को व्यंजन के रूप में परोस रहा था, इसीलिए दोनों शब्दों को मिला कर इस ऑपरेशन का कोडनेम विश्व व्यंजन रखा गया। साइक्लोनर टीम के कई अधिकारियों को इस कामयाबी के लिए सम्मानित किया जाएगा।
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