दो आरोपी गिरफ्तार, 100 से ज़्यादा सिम कार्ड, मोबाइल और अन्य सामान बरामद

साइबर अपराधियों को फर्ज़ी सिम उपलब्ध कराने वाले गिरोह का पर्दाफ़ाश

जोधपुरशहर में जिला पुलिस जोधपुर पश्चिम ने एक बड़े साइबर क्राइम रैकेट का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने ग्राहकों को धोखे में रखकर फर्जी सिम कार्ड एक्टिवेट कर साइबर ठगों को उपलब्ध कराने वाले सिंडिकेट का भंडाफोड़ करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह ने लगभग 300 फर्जी सिम कार्ड साइबर अपराधियों को दिए थे, जिनके जरिए लगभग 50 लाख रुपये की साइबर ठगी की गई है।

पुलिस जांच में सामने आया है कि इन 300 फर्जी सिम कार्ड में से 33 सिम कार्ड के खिलाफ पूरे भारत में 38 साइबर फ्रॉड की शिकायतें दर्ज की गई हैं। इन शिकायतों में लगभग 50 लाख रुपये की ठगी का पता चला है।

गिरफ्तार आरोपियों, राहुल कुमार झा और मो. इकबाल के पास से 104 सिम कार्ड, 31 मोबाइल फोन, 2 फिंगरप्रिंट मशीन, 1 चेकबुक, 5 एटीएम कार्ड, 9 हस्ताक्षरित खाली चेक, आधार कार्ड, पैन कार्ड और हिसाब की डायरी बरामद की गई है।

घटना का विवरण:

पुलिस को सूचना मिली थी कि सालावास रोड, जोधपुर स्थित सिम रिटेलर "राहुल मोबाइल वाला" के संचालक द्वारा लगभग 40 एयरटेल सिम कार्ड अवैध तरीके से जारी किए जा रहे हैं।  इस सूचना के आधार पर, पुलिस उपायुक्त जोधपुर पश्चिम, राजर्षि राज आईपीएस ने निरीक्षक नितिन दवे (थानाधिकारी बासनी) और हेड कांस्टेबल प्रेम चौधरी (प्रभारी साइबर सेल पश्चिम) के नेतृत्व में एक टीम गठित की।

टीम ने फर्जी सिम नंबरों की डिटेल प्राप्त कर उनका विश्लेषण किया। जांच में पाया गया कि एक ही व्यक्ति के नाम पर 4 से 5 सिम कार्ड जारी किए गए थे। इसके बाद सिम धारकों को तलब किया गया। जांच के दौरान सूरज सिंह नामक एक व्यक्ति का मामला सामने आया, जिसने अपनी BSNL सिम पोर्ट कराने के लिए सितंबर 2024 में राहुल मोबाइल वाला के पास गया था।  आरोपियों राहुल कुमार झा और मो. इकबाल ने सूरज सिंह को धोखे में रखकर उससे आधार कार्ड और फिंगरप्रिंट लेकर 3 सिम कार्ड एक्टिवेट कर दिए। सूरज सिंह द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर, पुलिस थाना बासनी में धारा 318(2), 318(4), 323, 336(3), 338, 339, 340(2)/61 (2) (क) बीएनएस और 66 (ब), 66 (क) आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।

पुलिस ने 13 मार्च 2025 को राहुल कुमार झा और मो.इकबाल को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने लगभग 300 फर्जी सिम कार्ड साइबर ठगी करने वाले गिरोह को उपलब्ध कराए हैं। इस मामले में आगे की जांच जारी है।

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