पुरानी पेंशन योजना बहाली, निजीकरण का विरोध और वेतनमान में वृद्धि सहित कई मांगों को लेकर हुआ प्रदर्शन
हजारों रेल कर्मचारियों ने रेलवे स्टेशन पर किया प्रदर्शन, सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश
यूनियन कार्यालय से एक विशाल जुलूस के रूप में निकलकर, नारे लगाते हुए कर्मचारी रेलवे स्टेशन पहुँचे। उनकी प्रमुख मांगें- रेलवे में खाली पदों को शीघ्र भरना, रेलवे के निजीकरण और निगमीकरण का विरोध और वर्षों से लंबित केडर पुनर्गठन को अंतिम रूप देना।
मण्डल सचिव, कामरेड मनोज कुमार परिहार ने कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्षों पुराने रोस्टर को समाप्त किया जाए और किसी भी कर्मचारी से 8 घंटे से अधिक ड्यूटी न दी जाए। उन्होंने 50-60 वर्ष पुराने रेलवे आवासों को ध्वस्त कर नए आवासों के निर्माण की भी मांग की।
प्रदर्शन में सुनील टाक, मदनलाल बैरवा, आशा कंवर, बन्ने सिंह पंवार, अशोक सिंह मेडतिया, अनुप त्रिवेदी, दीपक सक्सेना, विजेन्द्र प्रजापत, अशोक शर्मा, अजय निराला, उपेन्द्र कुमार, बिलाल खां, राज मिश्रा, अरूण बिस्सा, आशिष खन्ना, विक्रम सिंह मांगलिया, सादाब खान, रामकिशोर मीणा, जितेन्द्र गुर्जर, कृष्ण कुमार गुर्जर, मीठालाल मीणा, हारून खां, जहूर अहमद, मुकेश, बाबू, राजेन्द्र, अभिजीत, देवेन्द्र रामावत, आबीद, कालू राम, राजूराम सिंगोदिया, अनिल भाटी, नीलम सिंह, रामप्रसाद, दिलीप सिंह, जगदीश पाल, और दिनेश सहित सैकड़ों कर्मचारी शामिल हुए। प्रदर्शन पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा।
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