एमडीएम अस्पताल में हुआ 18 करोड़ की अत्याधुनिक हीलियम-फ्री MRI मशीन का शुभारंभ
एमडीएम अस्पताल में हुआ 18 करोड़ की अत्याधुनिक हीलियम-फ्री MRI मशीन का शुभारंभ
मरीजों को होगी जांच में आसानी, लंबी वेटिंग होगी खत्म
भामाशाह परिवार के योगदान से मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ, देश में दूसरी और राजस्थान में पहली ऐसी मशीन
जोधपुर। संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, मथुरादास माथुर (एमडीएम) अस्पताल में एक ऐसी तकनीकी क्रांति आई है जिससे हजारों मरीजों को बड़ी राहत मिलने वाली है। एम.डी.एम. अस्पताल के डायग्नोस्टिक विभाग को एक बड़ी सौगात मिली है। गुरुवार को 18 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित एक अत्याधुनिक, हीलियम-फ्री एमआरआई मशीन का लोकार्पण किया गया। न्यूयॉर्क स्थित कनक प्रभा गोलिया फाउंडेशन और जोधपुर के श्री नाकोड़ा पारस भैरव अक्षय चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त प्रयासों से अत्याधुनिक MRI मशीन अस्पताल को प्रदान की गई। यह देश में दूसरी और राजस्थान में पहली 5300-वाइड बोर प्रीमियम डिजिटल हीलियम-फ्री ऑपरेशन वाली MRI मशीन है।
उद्घाटन समारोह में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें मुख्यअतिथि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत, संसदीय कार्य विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल, राज्य मंत्री उद्योग वाणिज्य खेल कौशल रोजगार उद्यमिता विभाग कृष्ण कुमार विश्नोई, शहर विधायक अतुल भंसाली, सूरसागर विधायक देवेंद्र जोशी, शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह राठौड़, ओसिया विधायक भैराराम सियोल, प्रिंसिपल एंड कंट्रोलर डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज डॉ. बी. एस. जोधा, अधीक्षक मथुरादास हॉस्पिटल डॉ. नवीन किशोरिया और एसीपी छवी शर्मा शामिल थे।
मंत्री विश्नोई ने गोलिया परिवार के इस पुण्य कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह समाज के अन्य भामाशाहों के लिए प्रेरणादायक है। मंत्री गहलोत ने कहा कि इस मशीन से संभाग के मरीजों को अत्यधिक लाभ होगा।
कनक प्रभा फाउंडेशन, न्यूयॉर्क की ओर से कनक गोलिया ने इस परियोजना को आगे बढ़ाया। गोलिया ने कहा, "हालांकि मैं व्यापार के लिए अमेरिका में रहता हूँ, लेकिन मेरी जन्मभूमि जोधपुर है और मुझे अपने शहर से गहरा लगाव है। ईश्वर की कृपा से हम यह कार्य कर पाए हैं।"
हीलियम की समस्या का अंत:
एमडीएम अस्पताल में पहले से मौजूद एमआरआई मशीनों में हीलियम की कमी एक बड़ी समस्या थी। हीलियम, जो मशीन को ठंडा रखने के लिए आवश्यक है, अक्सर खत्म हो जाता था, जिससे जांच में देरी होती थी और 50 लाख रुपये तक का पुनर्भरण खर्च आता था। नई हीलियम-फ्री मशीन में केवल 7 लीटर हीलियम की आवश्यकता होती है, जिससे यह समस्या पूरी तरह से खत्म हो गई है। इससे पहले, एमडीएम अस्पताल में प्रतिदिन केवल 50 एमआरआई जांचें ही संभव थीं, लेकिन नई मशीन से यह संख्या बढ़कर 100 तक पहुँच जाएगी, और जांच का समय भी घटकर 10-15 मिनट रह गया है।
मोटे और बच्चों के लिए राहत:
नई एमआरआई मशीन मथुरादास माथुर एमडीएम अस्पताल के न्यू डायग्नोस्टिक विंग में स्थापित की गई है। इसका 70 सेंटीमीटर का वाइड बोर (अन्य मशीनों के 60 सेंटीमीटर की तुलना में) मोटे लोगों और बच्चों के लिए जांच को अधिक आरामदायक बनाता है। यह पूरी तरह से डिजिटल और उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाली मशीन है, जो प्रति सेकंड 60,000 इमेजेस कंसोल कर सकती है, और यह भारत की सबसे अत्याधुनिक और बड़ी मशीन है।
अस्पताल में बढ़ी सुरक्षा:
गोलिया परिवार ने अस्पताल में वाहनों की सुरक्षा के लिए भी एक उन्नत सुरक्षा प्रणाली स्थापित की है। दोनों प्रवेश द्वारों पर लगे स्कैनर वाहनों को स्कैन करके एक यूनिक कोड जनरेट करेंगे, जिससे केवल अधिकृत वाहन ही अस्पताल से बाहर जा सकेंगे।
बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का मार्ग प्रशस्त:
यह भामाशाह परिवार का एक बेहतरीन उदाहरण है, जो व्यापार के लिए विदेश गए लेकिन अपनी जड़ों से जुड़े रहे और अपने शहर की सेवा करने का दायित्व निभा रहे हैं। कनक प्रभा गोलिया फाउंडेशन के इस उल्लेखनीय योगदान ने जोधपुर वासियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का मार्ग प्रशस्त किया है।
इस अत्याधुनिक एमआरआई मशीन से जोधपुर के मरीजों को बेहतर और सटीक निदान मिलने की उम्मीद है, जिससे उनके इलाज में तेजी आएगी और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार होगा। यह भामाशाह परिवार के समाजसेवा के प्रति समर्पण का प्रमाण है और आशा है कि यह अन्य लोगों को भी इसी तरह के कार्यों के लिए प्रेरित करेगा।
श्री नाकोड़ा पारस भैरव अक्षय चैरिटेबल ट्रस्ट, जोधपुर की ओर से अध्यक्ष पवन राज सालेचा, सचिव अभिषेक कोठारी, सदस्य ललित गोलियां, पधविभूषण डी. आर. मेहता, और कल्पेश सिंघवी जैसे प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भी इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।
अन्य खबरें...
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें