स्कूल विलय के विरोध में छात्राओं का उग्र प्रदर्शन, सड़क जाम
स्कूल विलय के विरोध में छात्राओं का उग्र प्रदर्शन, सड़क जाम
ढाई घंटे तक कायलाना रोड पर जाम, पुलिस से हुई झड़प, एसीपी की नेम प्लेट टूटी
450 स्कूलों के विलय के आदेश के खिलाफ छात्राओं का आक्रोश
जोधपुर। राजस्थान सरकार के स्कूल विलय के आदेश के विरोध में छात्राओं का ज़बरदस्त प्रदर्शन देखने को मिला। प्रताप नगर थाना क्षेत्र के कायलाना रोड पर छात्राओं ने ढाई घंटे तक सड़क जाम कर दी, जिससे भारी यातायात बाधित हुआ। प्रदर्शनकारी छात्राओं ने न केवल ज़ोरदार नारेबाज़ी की बल्कि पुलिस वाहन पर भी चढ़ गईं और अपनी मांगों को लेकर अड़ी रहीं।
पुलिस से धक्का-मुक्की, एसीपी की नेम प्लेट टूटी
प्रदर्शन के दौरान स्थिति उस वक़्त और बिगड़ गई जब कुछ बाहरी युवक भीड़ में शामिल हो गए। इन युवकों ने पुलिस कर्मियों की वर्दी फाड़ने की कोशिश की। इसके अलावा, छात्राओं के आक्रोश के चलते मौके पर मौजूद एसीपी रविंद्र बोथरा की नेम प्लेट भी टूट गई। एसीपी ने इस घटना को भीड़ में हुई धक्का-मुक्की का परिणाम बताया है।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सूरसागर विधायक देवेंद्र जोशी मौके पर पहुँचे और छात्राओं से बातचीत कर उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं पर ध्यान दिया जाएगा। विधायक के आश्वासन के बाद प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम खत्म किया और यातायात को बहाल करने दिया।
450 स्कूलों का विलय, जोधपुर में 28 प्रभावित
यह प्रदर्शन राज्य सरकार के उस आदेश के विरोध में है जिसमें कम नामांकन और जीरो नामांकन वाले 450 स्कूलों को मर्ज करने का निर्देश दिया गया है। जोधपुर में अकेले 28 स्कूल इस विलय के आदेश से प्रभावित हैं। छात्राओं का कहना है कि उनका स्कूल पिछले 42 सालों से लगातार संचालित है और इसका विलय पूरी तरह से गलत है।
स्कूल प्रिंसिपल संतोष चौहान ने बताया कि स्कूल की पहली पारी में 510 छात्र-छात्राएँ पढ़ते हैं, जिनमें से 125 लड़कियाँ हैं। स्कूल के विलय के आदेश के बाद से ही छात्राएँ लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। प्रशासन की ओर से आदेशानुसार विलय की प्रक्रिया पूरी करने की तैयारी चल रही थी, लेकिन छात्राओं के ज़बरदस्त विरोध के बाद अब इस प्रक्रिया पर रोक लग सकती है।
पुलिस का पक्ष:
एसीपी रविंद्र बोथरा ने बताया कि उन्हें सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँच गई और समझाइश कर स्थिति को शांत करवाया गया। उन्होंने नेम प्लेट टूटने की घटना को भीड़ में हुई धक्का-मुक्की का परिणाम बताया और किसी भी प्रकार के बड़े विवाद से इंकार किया। हालांकि, छात्राओं का आक्रोश और प्रदर्शन की तीव्रता राज्य सरकार के स्कूल विलय के फ़ैसले पर सवाल उठाती है।
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