जोधपुर में आचार्य द्रोण का आगमन, युवा पीढ़ी को दिया संस्कारों का संदेश
जोधपुर में आचार्य द्रोण का आगमन, युवा पीढ़ी को दिया संस्कारों का संदेश
महाभारत और शक्तिमान के अभिनेता सुरेन्द्र सिंह पाल ने जोधपुर में किया मीडिया से संवाद, वर्तमान प्रोजेक्ट्स की दी जानकारी
राजस्थान की वीरता को किया प्रणाम और युवा पीढ़ी के तनाव पर व्यक्त की चिंता
जोधपुर। शहर के लिए रविवार का दिन बेहद खास रहा। टेलीविजन और फिल्म जगत के जाने-माने अभिनेता सुरेन्द्र सिंह पाल, जिन्हें हम महाभारत के आचार्य द्रोण और शक्तिमान सीरियल के कीलविश के रूप में जानते हैं, सूर्यनगरी पहुंचे। नाडोल में एक शादी समारोह में शामिल होने से पहले उन्होंने जोधपुर में अपने परिचितों और मित्रों से मुलाकात की। उनका माल्यार्पण और साफा पहनाकर जोधपुरी अंदाज में भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए अपने जीवन के अनुभवों, वर्तमान व आगामी परियोजनाओं और युवा पीढ़ी को संदेश दिया।
आचार्य द्रोण की यादगार भूमिका:
महाभारत के द्रोणाचार्य का किरदार मेरे जीवन की सबसे यादगार भूमिका रही। ये मेरे करियर का पहला सीरियल था, मेरा पहला कदम।" उन्होंने बताया कि उन्होंने शुरू में इस भूमिका को करने से मना कर दिया था, लेकिन फिर भी उन्होंने महाभारत में काम किया। उन्होंने कहा कि महाभारत केवल एक धारावाहिक नहीं था, बल्कि उसने भारतीय टेलीविजन के इतिहास में एक नया अध्याय लिखा। 37 साल बाद भी लोग महाभारत की चर्चा उसी जोश और उत्साह से करते हैं, यह उनके लिए गर्व की बात है।
टेलीविजन जगत का परिवर्तन:
उन्होंने टेलीविजन जगत में आए बदलावों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके काम शुरू करने के समय केवल डीडी1 चैनल था, लेकिन आज ज़ी टीवी, स्टार प्लस, कलर्स व सोनी आदि अनेकों चैनल हैं। आज 160 से ज्यादा टीवी सीरियल रोज प्रसारित होते हैं। उस वक्त मात्र एक डीडी 1 चैनल था जिस पर कुछ ही सीरियल प्रसारित हुआ करते थे। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय दर्शकों को दिया जिन्होंने उन्हें हमेशा प्यार और सम्मान दिया।
युवा पीढ़ी को संदेश:
आज की युवा पीढ़ी की चिंता व्यक्त करते हुए सुरेन्द्र सिंह पाल ने कहा, "आज की पीढ़ी बहुत तनाव में जी रही है। उन्हें इस तनाव से बाहर निकलने और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। यह जीवन ईश्वर का दिया हुआ वरदान है, इसे बर्बाद नहीं करना चाहिए। अच्छे कामों और बड़ों की सेवा करके जीवन को सार्थक बनाना चाहिए।" उन्होंने युवाओं को हिन्दू और सनातन संस्कृति को समझने, अच्छे खान-पान, अच्छी संगत और अच्छी पुस्तकों को पढ़ने व अपनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि घर में गीता का पाठ करना और माँ-बाप की सेवा करना जीवन का पहला कर्म है।
राजस्थान के प्रति प्रेम:
राजस्थान के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह वीरों और वीरांगनाओं की धरती है, यहाँ शौर्य और बलिदानों का इतिहास जीवित है। राजस्थान आन, बान और शान का प्रतीक है और राजस्थान आकर उन्हें गर्व महसूस होता है।
वर्तमान भूमिकाएं:
अंत में, सुरेन्द्र सिंह पाल ने अपने वर्तमान प्रोजेक्ट्स के बारे में जानकारी दी। वह स्टार भारत पर 'देवों के देव महादेव' में प्रजापति दक्ष, स्टार प्लस पर 'तेरी मेरी डोरियाँ', सोनी पर 'रामायण' में गुरु वशिष्ठ और कलर्स पर 'प्रचंड' में राजा चंद्रगुप्त मौर्य की भूमिका निभा रहे हैं।
अपने संदेश और अनुभवों के साथ सुरेन्द्र सिंह पाल ने जोधपुर वासियों के दिलों में एक बार फिर अपनी जगह बना ली। उनके जीवन के अनुभवों और युवा पीढ़ी को दिए गए संदेश ने सभी को प्रभावित किया।
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