Safety program for girl students in JNVU: Emphasis on protection from cyber crime and sexual harassment. JNVU में छात्राओं के लिए सुरक्षा कार्यक्रम।

राष्ट्रीय महिला आयोग के दिशानिर्देशों के तहत आयोजित कार्यक्रम में छात्राओं को साइबर सुरक्षा और यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम 2013 की जानकारी दी गई।

जोधपुर। जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर में छात्राओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण को लेकर एक महत्वपूर्ण पहल की गई। विश्वविद्यालय के लैंगिक उत्पीड़न निवारण समिति ने आज एक दिवसीय महिला जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय महिला आयोग और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार आयोजित किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को साइबर सुरक्षा और यौन उत्पीड़न से बचाव के बारे में जागरूक करना था।

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के लैंगिक उत्पीड़न निवारण समिति की संयोजक प्रो. कान्ता कटारिया ने बताया कि इस कार्यक्रम का आयोजन छात्राओं को सशक्त बनाने, उनमें जागरूकता लाने और कानून की जानकारी देने के उद्देश्य से किया गया है। उन्होंने कहा कि बढ़ते साइबर अपराध और यौन उत्पीड़न के मामलों को देखते हुए यह कार्यक्रम बेहद जरूरी है।

छात्र सेवा मंडल के अध्यक्ष प्रो. ऋतु जोहरी ने कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों, छात्राओं और छात्रों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय द्वारा महिला सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी।

कार्यक्रम के पहले सत्र में साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ श्री जमशेद खान ने छात्राओं को वैश्विक स्तर पर बढ़ रहे साइबर अपराधों, उनके आधुनिक तरीकों, और डिजिटल अरेस्ट, नए मोबाइल ऐप्स और सोशल मीडिया के जरिए किए जा रहे अपराधों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने पुलिस केस स्टडीज और कानूनी निवारण के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने छात्राओं को साइबर अपराध से बचने के उपाय भी बताए और पुलिस विभाग द्वारा की जा रही रोकथाम के प्रयासों से अवगत कराया।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में विधि विशेषज्ञ प्रोफेसर चंदनबाला ने यौन उत्पीड़न रोकथाम निषेध और निवारण अधिनियम, 2013 पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्राओं को यौन उत्पीड़न के प्रति सजग रहने, कानूनी जानकारी का प्रचार-प्रसार करने और भय रहित माहौल बनाने के लिए एक-दूसरे का साथ देने का आह्वान किया। उन्होंने सार्वजनिक स्थानों, शैक्षणिक संस्थानों आदि में महिलाओं को समानता और सहजता के साथ काम करने, यौन उत्पीड़न रोकथाम के लिए समितियाँ गठित करने और अन्य महिलाओं की मदद करने पर जोर दिया।

कार्यक्रम में छात्राओं ने दोनों विषयों पर कई सवाल पूछे, जिनका मुख्य वक्ताओं ने कानूनी पहलुओं के साथ जवाब दिया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. अनामीका पूनीया ने धन्यवाद ज्ञापित किया और मुख्य वक्ताओं को स्मृति चिन्ह प्रदान किए। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर प्रवीण गहलोत ने किया। यह कार्यक्रम छात्राओं के लिए बेहद उपयोगी साबित हुआ और उन्हें सुरक्षा और सशक्तिकरण का संदेश दिया।

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