Mother Sita's swayamvara took place in Jhalamand Ramlila, Shri Ram strode on the bow.रामलीला में माता सीता का हुआ स्वयंवर, "श्रीराम" का हुआ जयकारा।

विश्व हिंदू परिषद के धर्म प्रसार जोधपुर प्रांत के तत्वावधान में हो रही रामलीला।

श्रद्धालुओं ने "जय श्रीराम" के जयघोष से गुंजायमान किया पंडाल।

जोधपुर। बापूनगर झालामंड में विश्व हिंदू परिषद के धर्म प्रसार जोधपुर प्रांत के तत्वावधान में चल रही दस दिवसीय रामलीला के आज के प्रसंग में माता सीता का स्वयंवर संपन्न हुआ।

राजा जनक ने घोषणा की कि जो भी शिवजी के दिव्य धनुष को उठा कर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, माता सीता उसी के गले में वरमाला डालेंगी।

इस घोषणा के बाद सभी राजा-महाराजाओं में निराशा छा गई, लेकिन श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण के क्रोध को देखकर धनुष उठाने के लिए उठ खड़े हुए।

श्रीराम ने अनायास ही धनुष को उठा लिया और उस पर प्रत्यंचा चढ़ा दी। इस दृश्य को देखकर सभी श्रद्धालुओं ने "जय श्रीराम" के जयघोष से पंडाल गुंजायमान कर दिया।

इसके बाद माता सीता ने श्रीराम को वरमाला पहनाकर स्वयंवर की रस्म पूरी की। रामलीला समिति के सदस्य गौ भक्त दयालराम प्रजापत ने बताया कि काशी से आए कलाकारों को स्थानीय लोगों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। राम भक्त अपने घरों में कलाकारों को भोजन और प्रसाद के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।

रामलीला में सहयोग करने वाले समाजसेवियों को साफा और दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया गया। इनमें गौ भक्त दयालराम प्रजापत, किशोरसिंहजी चुंडावत, खेताराम प्रजापत, राकेश कुमार पंच, विष्णुजी सुरेश कुमार नागौरी, राजेश कुमार जेवरराम हरकिया, शिवसिंह राजपुरोहित, महिपाल बिश्नोई, मुन्नालाल गोरखराम, प्रेमराम बठाणिया, जगदीशजी जोशी, ताराचंदजी, ओमारामजी जगरवाल और हंसराज विनोदकुमार पुखराज बनावाडिया नंदकिशोरजी शामिल थे।

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