अनाशक्ति के बिना तप संभव नहीं - साधवी कुंदनप्रभा
नमस्कार महामंत्रोच्चारण से शुरू हुए समारोह में अनुज जैन द्वारा विजय गीत का संगान हुआ। श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन पूनम मेहता ने किया। विनोद सिंघवी ने नव निर्वाचित अध्यक्ष मितेश जैन व मंत्री अंकित चौधरी को पद की शपथ दिलायी। साधवी कुंदनप्रभा ने संबोधित करते हुए कहा की संगठन में शक्ति होती है। हम गौरव करें की हम तेरापंथ धर्मसंघ जैसे अनुशासित संघ के सदस्य है। शपथ लेने वाले शपथ की गरिमा बनाए रखें, यही इस क्षण की सार्थकता है। आज का यह क्षण सेवा संस्कार संगठन के संकल्पों में प्राण भरने का क्षण है। नई पीढ़ी को मराज के पास लायें तो निर्माण के संस्कार पल्लवित होंगे। समाज के विश्वास को शिखरों पर ले जाने का पूर्ण प्रयास करें।
इस अवसर पर सभा मंत्री मुकेश चौधरी, महिला मण्डल मंत्री पूजा सालेचा, साधवी विधुतविभा, गोविन्दराज पुरोहित, रूपचंद भंसाली ने मंगलकामनाए प्रेषित की। अध्यक्ष मितेश जैन ने टीम की घोषणा की जिसमें राकेश सेठिया व भूपेन्द्र जैन उपाध्यक्ष, अंकित चौधरी को मंत्री, प्रतीक भंडारी व अमित बोहरा सहमंत्री, अभिषक सुराणा कोषाध्यक्ष ऋषि बालड संगठन मंत्री व कमल सुराणा को निवर्तमान अध्यक्ष पद पर मनोनीत किया गया। कार्यसमिति में विनोद सुराणा, रमेश सुराणा, दिलीप सुराणा, नवीन लुनिया, पुनित कोठारी, मितलेश सालेचा, आशीष सुराणा, विवेक चौपड़ा, वीरेन्द्र आचलिया, आदर्श जैन, निखिल मेहता, वैभव भंडारी, मुकेश समदडीया, अरिहंत चौरडीया का मनोनयन किया गया। आभार मंत्री अंकित चौधरी व कार्यक्रम का कुशल संचालन महेंद्र सुराणा ने किया। मंगल पाठ से कार्यक्रम सानंद संपन्न हुआ।
तप अभिनंदन - साधवी कुंदनप्रभा द्वारा तपस्वी बहन वर्षा कुचेरिया के 8 उपवास का प्रत्याख्यान किया गया। उन्होंने कहा की जैन धर्म में त्याग व तपस्या को बड़ा महत्व दिया गया है। तप आत्मा के विकास की महान प्रकिया है। अनासक्ति के बिना तप संभव नहीं है। इस अवसर पर संतोष सुराणा ने 5 उपवास का प्रत्याख्यान किया। साधवीवृंद द्वारा सामूहिक गीतिका प्रस्तुत की गई।
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